परिचय :-
Table of Contents
इस लेख में हमने computer की इनपुट और आउटपुट डिवाइस के बारेमे बताया है | इस लेख को पढके आप computer input output device के बारेमे नॉलेज ले शकते हैं |चलिए computer input output device के बारेमे जानते हैं |
कम्प्यूटर में जानकारी डालने हेतु जिस एकम का प्रयोग होता हैं उसे इनपुट डिवाइस कहा जाता हैं | जिसकी मदद से कम्प्यूटर में डाटा और सूचनाओ का निर्वेश (एन्टर) किया जाता हैं |
इनपुट एकम का प्रयोग संकेत भेजने और कम्प्यूटर को कन्ट्रोल करने हेतु होता हैं | यहाँ हम ऐसे ही कम्प्यूटर के कुछ खास इनपुट डिवाइस के बारे में जानेगे |
कम्प्यूटर के इनपुट डिवाइस कोन-कोनसे हैं ? :-
(१) की-बोर्ड :-
सबसे सामान्य और ख्यातनाम डिवाइस की-बोर्ड हैं | की-बोर्ड का प्रयोग कम्प्यूटर में जानकारी निर्वेश (एन्टर) करने हेतु होता हैं | सामान्य तौर पे की-बोर्ड में ८२ या १०३ स्विच होती हैं | १०४ स्विच वाले की-बोर्ड इंटरनेट और विंडोज में उपलब्ध होते हैं |
कम्प्यूटर के की-बोर्ड में दी गई स्विच का प्रयोग के बारेमे समजे |
—> अल्फान्यूमेरिक की (ALFANUMERIC-KEY):-
A से Z और 0 से 9 तक की सारी स्विचे अल्फान्यूमेरिक की के नाम से जनि जाती हैं |
—> न्यूमेरिक की (NUMERIC-KEY) :-
कर्सर को आगे-पीछे ऊपर-निचे (MOVE) करने के लिए जिन स्विच का प्रयोग होता हैं उसे न्यूमेरिक की कहा जाता हैं |
—-> फंक्शन की (FUNCTION-KEY) :-
इस की के प्रयोग से कर्सर को नियंत्रण में रखा जाता हैं | F1 से लेकर F12 की सारी की फंक्शन की के नाम से जानी जाती हैं |
—> स्पेशियल की (SPECIAL-KEY) :-
स्पेशियल की में ENTER, SHIFT, CAPSLOCK , NUM LOCK, SPACE BAR, TAB, PRINT SCREEN ये सब आती हैं और इसके अलावा HOME, END, INSERT, DELETE, PAGEUP, CONTROL (CTRL), ALTERNATE (ALT) , ESCAPE(ESC) और FOUR DIRECTIONAL ARROW KEY को भी स्पेशियल की (keys कहा जाता हैं |
(२) माउस (MOUSE) :-
माउस सबसे ज्यादा लोकप्रिय पोइंटिंग डिवाइस हैं | वह बहुत ही अच्छा और कर्सर को कंट्रोल में रखने वाला साधन हैं | सामान्य तौर पे माउस पर RIGHT KEY,LEFT KEY दी गई होती हैं और बिचमे SCROLL KEY दी गई होती हैं | माउस का प्रयोग कम्प्यूटर स्क्रीन पर कर्सर की स्थिति को नियंत्रण (कंट्रोल) में रखने हेतु किया जाता हैं |
MOUSE |
(३) जॉयस्टिक (JOYSTICK) :-
जॉयस्टिक का प्रयोग कम्प्यूटर स्क्रीन पर माउस का स्थान बदल ने हेतु किया जाता हैं | ये एक प्रकार का निर्देश देनेवाला (COMMAND) डिवाइस हैं | जॉयस्टिक को चारो दिशा में गुमाया जा शकता हैं| जॉयस्टिक का काम माउस के जैसा ही होता हैं | जॉयस्टिक का प्रयोग खास तौर पे कम्प्यूटर में डिजाईन बनाने और कम्प्यूटर पर गेम खेलने हेतु किया जाता हैं |
(४) लाइट पेन (LIGHT PEN) :-
लाइट पेन आकार में पेन के जैसा ही दिखने वाला डिवाइस हैं | इसका प्रयोग कम्प्यूटर मेसे किसी जानकारी को सिलेक्ट करने हेतु और मोनिटर स्क्रीन पर चित्र बनाने हेतु से होता हैं | सामान्य तौर पे ये एक प्रकार की ऑप्टिकल सिस्टम हे जो CPU को जरुरी संकेत पहुंचाती हैं |
LIGHT-PEN |
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(५) ट्रेक बॉल (TRECK BALL) :-
सामान्य तौर पे ट्रेकबॉल का प्रयोग नोटबुक कम्प्यूटर और लैपटॉप कम्प्यूटर में किया जाता हैं | यह एक अर्ध गोलाकार बॉल हैं और इस बॉल को हम अपनी ऊँगली से निर्देश कर शकते हैं | ट्रेकबॉल माउस की तुलना में कम जगह रोकता हैं | एक ट्रेक बॉल के अनेक आकार हो शकते है जेसे के एक बॉल के रूप में, एक बटन के आकार में या फिर एक चोरस के रूप में हो शकते हैं |
TRACK-BALL |
(६) स्केनर (SCANNER) :-
स्कैनर एक ऐसी डिवाइस हे जिसके माध्यम से कागज पर दी गई जानकारी की नक़ल हम हार्ड डिस्क पर कर शकते हैं| और नक़ल की गई जानकारी को हम सॉफ्टवेर की मदद से बदल भी शकते हैं |
SCANNER |
(७) डिजिटलाइजर (DIGITALIZER) :-
डिजिटलाइजर एनालोग जानकारी को डिजिटली रूप से प्रदर्शित करता हैं | इस का प्रयोग कम्प्यूटर के माध्यम से चित्र बनाने हेतु किया जाता हैं | यह ग्राफिक्स और चित्रात्मक जानकारी को बाइनरी रूप में कन्वर्ट कर शकता हैं | डिजिटलाइजर को डिजिटलाइजर टेबलेट और ग्राफ़िक्स टेबलेट के नाम से भी जाना जाता हैं |
DIGITELIZER |
(८) टच स्क्रीन (TUCH-SCREEN) :-
टच स्क्रीन उपयोगकर्ता को कम्प्यूटर स्क्रीन को स्पर्श करके कम्प्यूटर को सुचना देने की सुविधा प्रदान करता हैं | टच स्क्रीन किट में टच स्क्रीन पेनल, कंट्रोलर और हार्डवेर ड्राईवर को समाया गया हैं | टच स्क्रीन का प्रयोग करने के लिए हमें सिर्फ कम्प्यूटर स्क्रीन पर हाथ या ऊँगली से स्पर्श करना होता हैं | टेबलेट और स्मार्ट फ़ोन में टच स्क्रीन बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं |
TUCH-SCREEN |
(९) माइक्रोफोन (MICROPHONE) :-
माइक्रोफोन का प्रयोग इनपुट आवाज को डिजिटल रूप से स्टोर करने हेतु किया जाता हैं | माइक्रोफोन का प्रयोग मल्टीमिडिया प्रदर्शित करने , आवाज़ को ऐड करने और संगीत का मिश्रण करने के लिए किया जाता हैं |
MICRO-PHONE |
(१०) मेग्नेटिक इन्क केरेक्टर रीडर (MICR) :-
MICR का प्रयोग बड़ी संख्या में CHEQUE पर प्रक्रिया करने हेतु किया जाता हैं | इस मशीन के माध्यम से हम बैंक का कोड नंबर और चेक नंबर पढ़ सखते हैं | इस तरह पढने की प्रोसेस को मेग्नेटिक इन्क केरेक्टर रिकग्निशन कहा जाता हैं | इस डिवाइस का मुख्य लाभ यह हे की ये बहुत गति से काम करता हैं |
(११) ऑप्टिकल केरेक्टर रीडर (OCR) :-
OCR का प्रयोग प्रिन्ट की गई जानकारी को पढने के लिए किया जाता हैं | OCR ऑप्टिकली अक्षरों (DIGIT) को स्कैन करता हैं और इस तरह लिखी गई जानकारी को मेमोरी पर स्टोर करता हैं|
(१२) बार कोड रीडर (BAR CODE READER) :-
बारकोड रीडर का प्रयोग बार कोडेड जानकारी को पढने के लिए किया जाता हैं | सामान्य तौर पे बार कोडेड जानकारी का प्रयोग बुक्स और शॉपिंग मॉल में रखी गई चीजो के लिए होता हैं | बारकोड रीडर बारकोड स्केन करता हे और फिर स्केन से मिली जानकारी को वह अल्फान्यूमेरिक मूल्य में बदल देता हैं |
BAR-CODE-READER |
(१३) ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR) :-
OMR का प्रयोग पेन या पेंसिल से किये गए मार्क का प्रकार जानने के लिए किया जाता हैं | कुछ विकल्प मेसे चुने गए या चिन्हित प्रकार के मार्क को पहचाननें के लिए OMR का प्रयोग किया जाता हैं | बहु वैकल्पिक इम्तेहान (EXAM) में सही जवाब को जानने के लिए OMR का प्रयोग किया जाता हैं |
कम्प्यूटर की आउटपुट डिवाइस कोन कोनसी हैं ? :-
आउटपुट डिवाइस ऐसे कम्प्यूटर हार्डवर एकम हैं जिसमे कम्प्यूटर के द्वारा प्रोसेस की गई जानकारी को आउटपुट के रूप में प्रदर्शित करते हैं | यहाँ हम कुछ ऐसे ही आउटपुट डिवाइस के बारे मे जानेगे |
(१) मोनिटर
(२) प्रिन्टर
(३) प्लॉटर
(४) प्रोजेक्टर
(५) स्पीकर्स
चलिए अब इन डिवाइस के बारेमे विस्तार से समजते हैं |
(१) मोनिटर :-
मोनिटर आउटपुट डिवाइस में सबसे लोकप्रिय और उपयोगी डिवाइस हैं | इसमें आउटपुट को टेलीवीजन के जैसे ही स्क्रीन पर चित्र के रूप में प्रदर्शित किया जाता हैं | मोनिटर पर प्रदर्शित की गई जानकारी सिर्फ पढने हेतु होती हैं | मोनिटर पे प्रदर्शित की गई जानकारी को कागज पर प्रिन्ट की जा शकती हैं | मोनिटर पर जानकारी प्रदर्शित करने के लिए CATHODE-RAY TUBE (CRT) प्रकार के मोनिटर या पतली LCD, LED प्रकार के मोनिटर का प्रयोग किया जाता हैं |
हाल ही में LIQUID CRYSTAL DISPLAY (LCD) और LIGHT EMITTING DIODE (LED) पर आधारित टेक्नोलॉजी वाले कम्प्यूटर बहुत ही लोकप्रिय हो रहे हैं | इस प्रकार के मोनिटर कद मे छोटे, पतली स्क्रीन वाले और वजन में भी काफी हलके होते हैं |
(२) प्रिन्टर :-
प्रिन्टर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस हैं | जानकारी को कागज पर प्रिन्ट करने हेतु प्रिन्टर का प्रयोग होता हैं | प्रिन्टर के अनेक प्रकार होते हैं , जो निचे बताये गए हैं |
प्रिन्टर के प्रकार :-
(1) इम्पेक्ट प्रिन्टर (IMPACT PRINTER) :-
- केरेक्टर प्रिन्टर – A) DOT METRIX PRINTER B) DAISY WHEEL PRINTER
- लाइन प्रिन्टर – A) DRUM PRINTER B) CHAIN PRINTER
(2) नॉन-इम्पेक्ट प्रिन्टर (NON-IMPACT PRINTER) :-
A. LASER PRINTER
B. INKJET PRINTER
(३) प्लॉटर (PLOTTER) :-
प्लॉटर एक ग्राफ़िक्स प्रिन्टर हैं जो एक या एक से ज्यादा ऑटोमेटिक पेन के साथ आलेख ,आकृति और इमेज के लिए लाइने और द्रोइंग बनाता हैं | प्लॉटर की मदद से बनाई गई लाइन और Drawing की RESOLUTION QUALITY बहुत ही अच्छी होती हैं |.खास तौर पे एंजिनेयर्स प्लॉटर का प्रयोग करते हैं क्यूंकि वहप्रिन्टर की तुलना के बड़े और विशिष्ट होते हैं | मुख्यरूप से प्लोटर का प्रयोग MAP PRINT (नक्शा प्रिन्ट) करने हेतु किया जाता हैं |
(४) प्रोजेक्टर (PROJECTOR) :-
किसी जानकारी या प्रोजेक्ट को जब किसी मीटिंग रूम या बड़े कमरे में जब ज्यादा मात्र में लोग हो और उन सब तक उस प्रोजेक्ट की जानकारी को दिखाने (पहोचाने) हेतु प्रोजेक्टर का प्रयोग होता हैं | इसके आलावा जब बड़ी मात्रा में लोगो की बैठक (सभा) की जाती हे तब प्रोजेक्टर का प्रयोग होता हैं |
प्रोजेक्टर के प्रकार :-
(1) Cathod Rey Tube Projector (CRT)
(2) Liquid Crystal Display Projector (LCD)
(3) Digital Light Processing Projector (DLP)
(५) स्पीकर्स (SPEAKERS) :-
स्पीकर का प्रयोग कम्प्यूटर में इनस्टॉल की गई AUDIO FILE और RECORD होई फाइल को सुनने के लिए किया जाता हैं | इसमें आवाज को बढ़ाने और गटाने की सुविधा (FACILITY) होती हैं| स्पीकर्स कम्प्यूटर में स्टोर डिजिटल डाटा को एनालोग डाटा में CONVERT करके आवाज के रूप में प्रदर्शित करता हैं |
Conclusion :-
मुझे उम्मीद हैं की आपको मेरा यह लेख (computer input output device|) जरुर पसंद आया होगा | मेरी हमेशा से ही यही कोसिस रही हे की में अपने आर्टिकल में वह सारी जानकारी include करू जो रीडर्स को चाहिए जिससे के उस आर्टिकल के सन्दर्भ में रीडर्स को किसी दूसरी site या internet में उस आर्टिकल के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही न रहे | इससे रीडर्स के टाइम की बचत होगी और एक ही जगह पे उन्हें सभी इनफार्मेशन भी मिल जाये |यदि आपके मनमे इस आर्टिकल को लेकर कोई भी doubt हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होना चाहिए तो आप निचे Comments कर शकते हैं | यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया या कुछ सिखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे के facebook,Twitter, Instagram और pinterest पर शेयर जरुर करे |
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